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Thursday, April 30, 2009

तुम.....1

कभी ख्वाब हो तुम,
कभी हो हकीकत
कभी आरजू हो,
कभी हो जरूरत,
कभी एक साया,
कभी मेरे हम दम
कभी सारी खुशियाँ
कभी मेरा हर गम,
कभी जैसे सहरा
कभी जैसे दरिया...
कभी ना में हाँ हो,
कभी हाँ में ना हो ....
हो जो भी मगर एक हसीं दास्ताँ  हो...



तुम हो...
दिल फ़िर भी तुम्हे ढूँढता  है...


तुम हो,
दिल फ़िर भी तुम्हे ढूँढता  है...
अविनाश ...

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