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Monday, April 27, 2009
मेरे तुम्हारे प्यार की निशानी चिट्ठियाँ,
हाथ आई, गई रात कुछ, पुरानी चिट्ठियाँ,
कुछ गम में सराबोर, कुछ खुशियों में तर.ब्.तर
कुछ युही कुछ बेहद रूहानी चिट्ठियाँ
बिल्कुल तेरे ही जैसी है तेरी चिट्ठिया,
बे तरह सादा , कभी सयानी चिट्ठियां
आंखों के सामने से यूँ लम्हे गुज़र रहे हैं
दोहरा रही हो जैसे हर कहानी चिट्ठियां
अविनाश...
हाथ आई, गई रात कुछ, पुरानी चिट्ठियाँ,
कुछ गम में सराबोर, कुछ खुशियों में तर.ब्.तर
कुछ युही कुछ बेहद रूहानी चिट्ठियाँ
बिल्कुल तेरे ही जैसी है तेरी चिट्ठिया,
बे तरह सादा , कभी सयानी चिट्ठियां
आंखों के सामने से यूँ लम्हे गुज़र रहे हैं
दोहरा रही हो जैसे हर कहानी चिट्ठियां
अविनाश...
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