Followers
Labels
- Aazad Khayaal (5)
- gazals (17)
- Nazm (8)
Tuesday, May 26, 2009
चल...
चल मैं तुझको लौटा देता हूँ.....
तेरी किताबे...
उधार के पैसे॥
एक शर्ट बैगनी रंग की...
एक शर्ट वो धारी वाली...
एक घड़ी...
एक लकड़ी की कलम , वो , जिसपे मेरा नाम गुदा है....
ऐसा कुछ सामान तो॥
तेरे पास भी होगा....
ऐसा कुछ सामान तो....
तू भी लौटा देगी...
लेकिन मैं कैसे लौटाउंगा वो एहसास, जो की सामानों के साथ जुड़ा है
Avinash
चल मैं तुझको लौटा देता हूँ.....
तेरी किताबे...
उधार के पैसे॥
एक शर्ट बैगनी रंग की...
एक शर्ट वो धारी वाली...
एक घड़ी...
एक लकड़ी की कलम , वो , जिसपे मेरा नाम गुदा है....
ऐसा कुछ सामान तो॥
तेरे पास भी होगा....
ऐसा कुछ सामान तो....
तू भी लौटा देगी...
लेकिन मैं कैसे लौटाउंगा वो एहसास, जो की सामानों के साथ जुड़ा है
Avinash
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment